कर्नाटक में दांडेली के खूबसूरत जंगल में एक शानदार पेड़ के सामने कदम रुक गये। कितनी तस्वीरें खींची लेकिन उस पेड़ की विशालता और उस जंगल की भव्यता कॅमेरे में कैद होने को किसी सूरत में तैयार नहीं । बड़ी देर मोबाईल पर खींची तस्वीर को देखती रही। और उस समय जो विचार मन में आया, वो वहीं उसी तस्वीर पर लिख दिया। इस तरह सफर खत्म होते होते कई कविताएँ इकट्ठी हो गईं। उनमें से कुछ यहाँ साझा कर रही हूँ।







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